
अखंड ज्योति: शारदीय नवरात्रि का पावन समय हर साल पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार भी 2025 में शारदीय नवरात्रि का त्योहार खास है ।नौ दिन तक माता दुर्गा के भक्त व्रत रखते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और माता की विशेष कृपा पाने के लिए अखंड ज्योति जलाते हैं। यह परंपरा बहुत पुरानी और अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। अखंड ज्योति का मतलब होता है एक ऐसा दीपक जो पूरे नवरात्रि के दौरान बिना रुके जलता रहे। इसे माता की कृपा और शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
आईए जानते हैं नवरात्रि में अखंड ज्योति क्यों जलाया जाता है? अगर अखंड ज्योति बुझ जाए तो क्या होगा? अखंड ज्योति के नियम क्या है?
अखंड ज्योति क्यों जलाया जाता है
नवरात्रि के पर्व पर अखंड ज्योति मां दुर्गा की शक्ति के रूप में जाना जाता है कहा जाता है कि अखंड ज्योति में ही मां दुर्गा की शक्ति स्वत: होती है, अखंड ज्योत जलाने से नकारात्मक शक्तियों का वास नहीं होती है।
अखंड ज्योति का महत्व
नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योति जलाने का विशेष महत्व होता है। यह दीपक सिर्फ रोशनी देने वाला नहीं बल्कि आस्था और विश्वास की लौ माना जाता है। धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि जहाँ अखंड दीप जलता है, वहाँ माँ दुर्गा की शक्ति स्वतः विराजमान रहती है।
अखंड ज्योति दीप नकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर देता है।घर में शांति और सकारात्मकता बनी रहती है।यह माता के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है।
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अखंड ज्योति जलाने के लाभ
नवरात्रि में अखंड दीपक जलाने से कई प्रकार के लाभ होते हैं।माता दुर्गा की कृपा नौ दिन तक अखंड दीप जलाने वाले भक्तों पर माता दुर्गा की विशेष कृपा बनी रहती है, नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति जहाँ अखंड दीप जलता है वहाँ भूत-प्रेत या बुरी नजर का असर नहीं होता। अखंड ज्योति जलाने से घर में लक्ष्मी का वास होता है और परिवार आर्थिक रूप से मजबूत होता है।
अखंड ज्योति जलाने से घर का वातावरण शुद्ध रहता है बीमारियां दूर होती हैं और मन प्रसन्न रहता है। अखंड दीप से पिछले जन्मों और इस जन्म के दोष खत्म होकर पुण्य की प्राप्ति होती है।
अगर अखंड ज्योति बुझ जाए तो क्या करें
कभी-कभी पूजा के दौरान अखंड दीप बुझ जाता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं – तेल या घी का खत्म होना, हवा लग जाना या बाती सही से न लगी होना। ऐसी स्थिति में सबसे पहले घबराना नहीं चाहिए। यह कोई बड़ा दोष नहीं माना जाता। तुरंत दीपक को फिर से जलाएँ।
माता रानी से हाथ जोड़कर क्षमा माँगें, दीपक को ऐसी जगह रखें जहाँ हवा न लगे और पर्याप्त घी या तेल डाला जाए। अखंड ज्योति के बुझ जाने से माता रूस्ट नहीं होती माता तो सिर्फ भाव देखती हैं।
अखंड ज्योति के नियम
नवरात्रि के पर्व पर अखंड ज्योति जलाने की खास नियम होते हैं जिसे पालन करना भक्तों को जरूरी होता है: –
1 दिया का उपयोग करने से पहले उसे शुद्ध और पवित्र करें।
2 हमेशा शुद्ध घी या शुद्ध तेल का उपयोग करें।
3 शास्त्र नियम अनुसार अखंड ज्योति पूरे 9 दिन तक लगातार जले।
4 अखंड ज्योति को ऐसे स्थान पर रखें जहां हवा ज्यादा ना लगे।
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