शास्त्रों में बताई गई 4 जगहें जहाँ रात में जाना है वर्जित

 

विष्णु पुराण हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक है, जो जीवन, नैतिकता और आत्मिक चेतना का मार्गदर्शन करता है। इस ग्रंथ में बताया गया है कि कुछ स्थान रात के समय अशुभ ऊर्जा और नकारात्मक प्रभावों के केंद्र हो सकते हैं। इसलिए रात में इन स्थानों से दूर रहना चाहिए।

आज की इस पोस्ट में आईए जानते हैं कि कौन-से चार स्थान हैं और उनसे क्यों दूरी बनाए रखना ज़रूरी माना गया है।

रात के समय इन चार स्थानों में जाने से बचना चाहिए (Evening time these place do not going)

1.श्मशान घाट

श्मशान घाट को रात में जाना हमेशा से ही अशुभ माना गया है। विष्णु पुराण के अनुसार, यह स्थान मृत्यु और तामसिक ऊर्जा का प्रतीक है। रात के समय यहां रहना मानसिक तनाव, भय और नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है।

रात में श्मशान घाट पर जाने से बचें। केवल दिन में जरूरी काम के लिए ही जाएँ और अकेले वहां न रहें। यह न केवल आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि आध्यात्मिक स्थिरता के लिए भी सुरक्षित है।

2. चौक-चौराहे

चौराहे या सड़क के चौराहे रात में नकारात्मक ऊर्जा के केंद्र माने जाते हैं। पुराणों में कहा गया है कि रात में इन जगहों पर रहना या अनावश्यक रूप से गुजरना अशुभ होता है। ये जगहें अक्सर अनिश्चित परिस्थितियों और भ्रमित करने वाली ऊर्जा का केंद्र होती हैं।

यदि रात के समय आपको इन स्थानों से गुजरना पड़े, तो सतर्क रहें और जल्दी से जल्दी उस मार्ग को पार करें।

3. सुनसान और अज्ञात स्थान

विष्णु पुराण में सुनसान या अज्ञात जगहों पर रात में अकेले जाने से बचने की चेतावनी दी गई है। ये जगहें अकेले व्यक्ति के लिए असुरक्षित होती हैं और दुर्घटना या नकारात्मक घटनाओं का खतरा बढ़ा देती हैं।

अकेले किसी बंद या सुनसान जगह पर देर रात न जाएँ। यदि जाना अनिवार्य हो तो किसी परिचित या सुरक्षित साथी के साथ जाएँ।

4. अधार्मिक लोगों की संगति

रात के समय अधार्मिक या असभ्य लोगों की संगति से भी बचने की सलाह दी गई है। ऐसे लोग व्यक्ति को गलत कार्यों में लिप्त कर सकते हैं और नैतिक या आध्यात्मिक पतन का कारण बन सकते हैं।

अपने मित्रों और जान-पहचान वालों के चुनाव में सतर्क रहें। रात के समय असुरक्षित और अनुचित संगति से दूर रहें।

विष्णु पुराण के अनुसार क्यों नहीं जाना चाहिए

आज के समय में इन पुराणिक चेतावनियों का अर्थ केवल आध्यात्मिक नहीं है, बल्कि सुरक्षा, मानसिक शांति और नैतिकता से भी जुड़ा हुआ है।

शारीरिक सुरक्षा: रात में अकेले जाना दुर्घटना और अपराध का जोखिम बढ़ा सकता है।

मानसिक और भावनात्मक सुरक्षा: नकारात्मक ऊर्जा या डर से मन पर असर पड़ सकता है।

सही संगति चुनना: सही लोगों के साथ रहना और अनुचित गतिविधियों से बचना, आपके चरित्र और नैतिकता के लिए महत्वपूर्ण है।

अंत में

विष्णु पुराण हमें केवल धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि जीवन की सुरक्षा और मानसिक शांति के दृष्टिकोण से भी शिक्षित करता है। रात के समय श्मशान, सुनसान स्थान, चौराहे और अधार्मिक लोगों से दूरी बनाए रखना हमें सुरक्षित, सकारात्मक और मानसिक रूप से मजबूत बनाता है।

इन चेतावनियों का पालन करना न केवल हमारे व्यक्तिगत जीवन के लिए लाभकारी है बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी हमें सतर्क और हमारी सुरक्षा और सजग बनाए रखता है।

यह भी पढ़ें

कृष्ण जन्माष्टमी 2025: जानिए राधा और श्रीकृष्ण ने विवाह क्यों नहीं किया? पूरी कथा हिंदी में

शाम के समय भूल के भी न करे इन वस्तुओं का दान, होगी धन हानि

Leave a Comment